सोमवार, 18 अगस्त 2008

गम के आंसूं
मैंने गम के गहरे समंदर से बहार आना सीख लिया,
तेरी बेवफाई को तेरी मज़बूरी समझ,
इन बहते आसुओं को रोकना सीख लिया।
इससे पहले की तेरी यादें मुझे बाँध पाती
मैंने उन्हें भी तोड़ना सीख लिया।
तेरी बेवफाई ने हमको फौलाद बना दिया,
तुने हमें गम के सिवा और क्या दिया।
तेरे लिए दुनिया से लड़ा, घुट घुट कर जिया,
तुने उसका ये सिला दिया।
अब नही बहेंगे मेरे आंसूं , ये मैंने सोच लिया,
जा तेरी यादों को मैंने अपने दिल से निकल दिया।

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